लगभग 4000 सालों से आयुर्वेद में नीम का औषधीय उपयोग किया जा रहा है व आयुर्वेद में इसे ‘सर्वरोग निवारिणी’ भी बोला जाता है, जिसका अर्थ है- सभी तरह के रोगों का समाधान करने वाला. आयुर्वेद में ‘नीम’ बेमिसाल औषधि मानी जाती है, क्योंकि नीम से हर तरह के रोगों का उपचार संभव है. Benefit of Eating Neem Leaves
इसके साथ साथ नीम की पत्ती के औषधीय गुण के बारे में आप लोगों ने सुना होगा। घर में बुजुर्गों को भी आपने देखा होगा कि जब वो सुबह पार्क में टहलने जाते हैं तो नीम की दातून या नीम की पत्ती को जरुर चबाते हैं। विज्ञान भी इस बात को स्वीकारता है।
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हाल ही में किए गए एक शोध में डॉक्टरों की एक टीम ने यह देखा कि नीम की पत्ती सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है। उन्होंने यह भी पाया कि अगर कोई इंसान नीम की पत्ती को रोज चबाता है तो उसे डायबिटीज होने का खतरा कई गुना तक कम हो जाता है। तो आज हम इस अंक में जानेंगे नीम की पत्तियों से ठीक होने वाले रोगों के बारे में
औषधियों का खजाना है नीम :
नीम के पेड़ का हर एक भाग जरूरी होता है नीम के फल, बीज व पत्ते, इन सभी से ऑयल निकाला जाता है व इसी ऑयल का उपयोग स्कीन से संबंधित बीमारियों व अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है.

ज्यादातर नीम का प्रयोग स्किन संबंधी बीमारियों के लिए किया जाता है जैसे- एक्जिमा व सोरायसिस जैसी बीमारियां इससे जल्दी अच्छा हो सकती हैं, लेकिन एंटीबायोटिक गुणों के कारण नीम से हर तरह के रोगों का उपचार होने कि सम्भावना है. आइए जानते हैं वह कौन से रोग हैं, जिनका उपचार नीम के उपयोग से संभव है –
साफ होता है खून :
नीम के सेवन से शरीर का रक्त साफ होता है व रक्त में शर्करा का स्तर भी संतुलित होता है. नियमित एक गिलास पानी में दो-तीन नीम के पत्ते व थोड़ा सा शहद मिलाकर प्रातः काल खाली पेट पीने से हार्मोन का स्तर भी अच्छा होता है.
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हड्डियों और जोड़ों के दर्द के लिए :
नीम में इंफ्लामेटरी तत्व पाया जाता है, जो दर्द को दूर करता है. नीम की पत्तियां व फूल जोड़ों के दर्द में फायदा पहुंचाते हैं. लगातार दो महीनों तक एक गिलास पानी में नीम के फूल व पत्ते उबालकर इसका पानी पीने से गठिया का रोग अच्छा हो जाता है. इसके साथ ही नीम के ऑयल की मालिश से जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है व यह ऑयल मांसपेशियों को भी मजबूत करता है.
मधुमेह के रोगियों के लिए :
एक अध्ययन में पाया गया है कि नीम में हाईपोग्लासेमिक गुण उपस्थित होते हैं, जो रक्त में शक्कर के कणों को कम करते हैं. यदि मधुमेह के रोगी रोज प्रातः काल एक नीम की पत्ती खाते हैं तो इससे रोगी की शुगर संतुलित होती है. नीम की पत्ती चबाने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है दरअसल नीम की पत्ती में एंटी-डायबेटिक गुण पाए जाते हैं।

यही वजह है कि नीम की मुलायम तीन से चार पत्तियों को चबाने से डायबिटीज के खतरे को कई गुना तक कम किया जा सकता है। नीम की पत्ती को चबाने से पहले पानी से अच्छी तरह धुल लें और उसके बाद यह देख लें कि यह मुलायम हों।
चेहरे में लाता है निखार :
नीम का टेस्ट करते ही भले ही लोगों का चेहरा बिगड़ जाता हो, लेकिन नीम चेहरे के लिए एक शानदार औषधि है. नीम फेस पैक, नीम का पानी, नीम शहद, नीम का साबुन व नीम का ऑयल आदि चेहरे पर निखार लाने के लिए कार्य में लाए जाते हैं.
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पिम्पल की समस्या हो जाएगी दूर :
पिम्पल की समस्या से कई लोग परेशान रहते हैं। खासकर जब कोई अपनी जगह बदलता है तो उसे खराब पानी की वजह से भी पिम्पल के कई दाग फ्री में मिल जाते हैं। इनसे बचने के लिए आप नीम की पत्ती को रोज सुबह खाना शुरू करें। नीम की पत्ती में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। यह गुण खून को साफ करके त्वचा को चमकदार बनाने और पिम्पल को खत्म करने में मदद करता है।
चोट के निशान भी हो जाते हैं दूर :
यदि चोट के किसी भी निशान पर नीम के पेस्ट का प्रयोग किया जाए तो किसी भी प्रकार के निशान कम जाते हैं. इसके लिए नीम के पेस्ट में थोड़ी सी हल्दी डालकर प्रयोग करें. इसके अतिरिक्त नीम के पत्ते में तुलसी, गुलाब जल के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से निखार आता है व स्कीन बेदाग हो जाती है.

पेट रहेगा साफ :
पेट न साफ रहने की शिकायत कई लोगों को होती है। जबकि नीम की पत्तियों को रेगुलर खाने से आपका पेट बिल्कुल साफ रहेगा। नीम की पत्ती को फाइबर का एक अच्छा स्रोत माना गया है। फाइबर खाने को पचाने में मदद करता है और साथ ही यह पेट की गैस को भी दूर करता है। इसके लिए आप नीम की पत्ती को सुबह चबा कर खा सकते हैं।
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