1डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 11 सिद्धान्त
भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक और शिक्षक ऐ पी जे अब्दुल कलाम किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है। यह भारत के सबसे पसंदीदा युथ आइकॉन है। इन्होने अपनी मेहनत, लगन और इच्छा शक्ति से अर्श से शिखर तक का सफर तय किया है। इन्होने बहुत सी ऐसी बाते कही है जिन्हे अपने जीवन में अपनाकर कोई कामयाबी के शिखर तक पहुँच सकता है। हमने यहाँ पर इनके ऐसे ही विचारो का संकलन किया है। तमिलनाडु के रामेश्वरम् में 15 अक्टूबर 1931 को जन्में डॉ. कलाम अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया करते थे।
उन्होंने कहा था कि “मैं अपने बचपन के दिन नहीं भूल सकता, मेरे बचपन को निखारने में मेरी मां का विषेश योगदान है। उन्होने मुझे अच्छे-बुरे को समझने की शिक्षा दी। छात्र जीवन के दौरान जब मैं घर-घर अखबार बांट कर वापस आता था, तो मां के हांथ का नाश्ता तैयार मिलता। पढ़ाई के प्रति मेरे रुझान को देखते हुए मेरी मां ने मेरे लिए छोटा सा लैम्प खरीदा था, जिससे मैं रात को 11 बजे तक पढ़ सकता था। मां ने अगर साथ न दिया होता तो मैं यहां तक न पहुचता”
कलाम अपनी लगन, कङी मेहनत से आगे बढ़ते गए। जीवन में अभाव के बावजूद वे किस तरह राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे ये बात हम सभी को प्रेरणा देती है। उनकी शालीनता, सादगी और सौम्यता हर एक का दिल जीत लेती थी। उनके जीवन दर्शन ने भारत के युवाओं को एक नई प्रेरणा दी। लाखों लोगों के वह रोल मॉडल हैं। डॉ. कलाम का क्रेज बच्चों और युवाओं में देखते ही बनता है। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर कलाम को ‘वेल्डर ऑफ पिपुल’ भी कहते हैं। बचपन में उन्हें ‘आजाद’ कह कर बुलाया जाता था।
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