बदलते लाइफस्टाइल के साथ आज के इस समय में हर कोई किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त है। गलत खान-पान के कारण लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण बड़ों से लेकर युवाओं में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है। Early Signs of Heart Attack
कुछ लोग तो हार्ट अटैक के लक्षणों और बचने के उपाय पता नहीं होते। अगर इसके लक्षण और हार्ट अटैक के खतरे से बचने के उपाय पता हो तो इसका खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
इसके अलावा हेल्दी डाइट और व्यायाम के जरिए भी आप दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक के खतरे से बच सकते है।
आज हम आपको हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और इससे बचने के कुछ घरेलू उपचार बताएंगे, जिससे इस खतरे को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
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हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां कई तरह की बीमारियां मौजूद हैं। कई बार हमें पता भी नहीं लग पाता कि हमें कौन सी बीमारी हो गई है जब तक कि हमें इसके लक्षण नहीं दिखने लग जाते हैं।
किसी भी रोग से लड़ने का सबसे सही तरीका है उसे होने ही नहीं देना। कुछ रोग वंशानुगत होते हैं और आसानी से नियंत्रण में नहीं आते। पर कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनके बारे में हमें पता लग सकता है और इसके लिए हमें थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है।
क्यों आता है हार्ट अटैक :
सबसे बड़ा सवाल ये है कि हमे हार्ट अटैक क्यों आता है। ये जानने के लिए पहले हमे अपने हार्ट की कार्यप्रणाली को समझना होगा। हमारा हार्ट शरीर मे मौजूद रक्त को प्यूरीफाई करने का काम करता है।
शरीर में मौजूद रक्त दूषित होकर जब हार्ट तक पहुँचता है तो हमारा हार्ट उस रक्त में से गंदगी को अलग को कर देता है और साफ रक्त को वापस शरीर में भेज देता है। ये क्रिया निरंतर चलती रह्ती है।

अनियमित खान-पान और गलत लाइफस्टाइल के कारण हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढने लगती है और ये बैड कोलेस्ट्रॉल हमारे दिल की धमनियों में जाकर जमा होने लगते हैं जिससे ब्लड ठीक से दिल तक नही पहुँच पाता है।
पर्याप्त मात्रा में रक्त के दिल तक नही पहुँचने के कारण दिल को ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने लगती है जिसकी भरपाई के लिए हमारा हार्ट मस्तिष्क या दूसरे जगहों से ऑक्सीजन लेने के लिए जोर लगाता है।
ऑक्सीजन के लिए जोर लगाने के कारण हमारे छाती के बायें साइड (दिल के साइड) में दर्द भी होता है जिसे साधारण दर्द समझकर हम नजरअंदाज कर देते हैं।
जब धमनियां पूरी तरह से जाम हो जाती है और दिल तक ऑक्सीजन की सप्लाई बिल्कुल कम हो जाती है तब हमारा दिल शरीर के कुछ हिस्सों की गतिविधियां रोक देता है। ऐसे समय में ही हमे दिल का दौरा पड़ता है।
आपका शरीर दिल के दौरे से पहले आपको लगातार संकेत देता है। आपको उसे समझना पड़ेगा। अगर आप उसे समझ नहीं पा रहे हैं या अनदेखा कर रहे हैं तो आप रिस्क ले रहे हैं। तो आइये जानते हैं इन्ही संकेतों के बारे में :
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छाती पर दबाव :
आपको कई बार छाती पर दबाव महसूस होगा, इसे एनजाइना भी कहते हैं. जब आपके दिल को ज़्यादा ऑक्सीजन वाला खून नहीं मिलता, छाती में दर्द उत्पन्न हो सकता है.
कई लोग इसे अपच का कारण मानते हैं, पर अगर यह दबाव लगातार बना रहता है तो आपको दिल का दौरा पड़ सकता है.
चक्कर और ठन्डे पसीने का आना :
दिल के कमजोर हो जाने की वजह से रक्त का प्रवाह ठीक तरीके से नहीं होने से सही मात्रा में खून दिमाग तक नहीं पहुंचता है और इसके कारण आपको चक्कर आ सकते हैं।
अगर आपको ठन्डे पसीने आ रहे हैं तो यह हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार एक गंभीर लक्षण है जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें। इसके अलावा ठंडा पसीना छूटे तो बिल्कुल सजग हो जाए क्योंकि यह भी एक संकेत है दिल के दौरे का.
बिना कोई श्रम किए कोई इंसान पसीना पसीना हो जाए तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाए. ये वो लक्षण है जो आपको बताते है की आपको दिल का दौरा आने वाला है ताकि आप अटैक आने से पहले ही अपना इलाज कर सके एक बात का ध्यान जरुर रखे इन लक्षणों को अनदेखा ना करे.

साँसों की कमी :
सांस में कमी हार्ट अटैक का बड़ा लक्षण है। दिल का दौरा पड़ने से पहले 6 महीने तक पुरुषों और महिलाओं दोनों के बीच अक्सर होता है। यह आमतौर पर एक चिकित्सा स्थिति का एक चेतावनी संकेत है।
ऐसा लगता है कि आपको पर्याप्त हवा नहीं मिल रही, चक्कर आना और सांस की तकलीफ हो रही है। अर्थात्, फेफड़ों को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक रक्त नहीं मिलता है। चूंकि फेफड़े और दिल एक साथ कार्य करते हैं, अगर उनमें से एक का कार्य मुश्किल है, तो यह दूसरे अंग को प्रभावित करेगा
सूजन :
दिल को शरीर के बाकी अंगों में रक्त पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिसकी वजह से शिराएं फूल जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है।
दिल पूरे शरीर में खून की सप्लाई करता है| मगर जब दिल सही तरीके से खून की सप्लाई नहीं कर पाता उस दौरान शरीर मैं ब्लड सप्लाई करने वाली सी राय फुल कर शूज जाती है| जिसकी वजह से नसें फुल कर दिखने लगती है|
इसके अलावा पैर के पंजे और देखने पर सूजन भी दिखाई देने लगता है| अगर आपके शरीर में भी यह लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं| होंठों की सतह का रंग नीला होना भी इसमें शामिल है।
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थकान :
असामान्य थकान दिल का दौरा पड़ने का एक मुख्य लक्षण है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इस प्रकार के लक्षण होने की अधिक संभावना है। शारीरिक या मानसिक गतिविधि थकान का कारण नहीं है। यह लक्षण काफी स्पष्ट है जिसे अनदेखा किया जाता है।
कभी-कभी आसान काम जैसे बिस्तर ठीक करना या स्नान करना जैसे काम से भी थकान होने लगती है। हृदय में रक्त के प्रवाह को कम करने से भी थकान होगी क्योंकि हृदय को ठीक से काम करने के लिए रक्त की सही मात्रा नहीं होगी।
इसलिए, यदि आप हर समय थका हुआ महसूस करते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से अपनी स्थिति की जांच करानी चाहिए।
कमजोरी :
यदि धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं, तो वे रक्त प्रवाह को कम कर देती हैं और रक्त परिसंचरण बिगड़ जाता है। इससे मांसपेशियां कमजोर होंगी और शरीर की सामान्य कमजोरी होगी।
इस लक्षण का अनुभव होने पर आपको सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह दिल के दौरे के सबसे आम और शुरुआती लक्षणों में से एक है। सीने का दबाव। जैसे ही दिल का दौरा पड़ता है, दर्द और छाती का दबाव बिगड़ जाएगा और हाथ, पीठ और कंधों पर फैल जाएगा।

पेट दर्द :
पेट दर्द, मतली, सूजन महसूस करना और पेट ख़राब रहना इसके सबसे आम लक्षण हैं। ऐसा महिलाओं और पुरुषों के बीच समान रूप से होने की संभावना है।
दिल के दौरे से पहले पेट दर्द होना हो सकता है। कभी-कभी पेट में रुक-रूककर दर्द होता है। शारीरिक तनाव के कारण पेट दर्द से हो सकता है।
अनिद्रा :
अनिद्रा भी दिल के दौरे या स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हुई है, जो महिलाओं के बीच अधिक आम है। अनिद्रा के पीछे चिंता और या तनाव बड़ा कारण है।
इसके लक्षणों में नींद शुरू करने में कठिनाई, नींद को बनाए रखने में कठिनाई और सुबह जल्दी जागना शामिल है।
स्नान करना :
कुछ लोग सुबह उठते नहाने के लिए चले जाते हैं ऐसा नही करना चाहिए, क्योंकि सुबह के समय बॉडी का तापमान अधिक होता है और तुरंत नहाने से बॉडी के तापमान में अचानक गिरावट आ जाती है, इससे आप बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए उठने के कम से कम 20 से 25 मिनट के बाद ही नहायें।
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ये है रामबाण उपाय :
आज हम आपको हार्ट अटैक से बचने के लिए गेंहू के जबरदस्त फायदों के बारे में बता रहे हैं। यानि कि अंकुरित गेंहू को खाने से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
इसके तहत सबसे पहले आपको 50 ग्राम कच्चा गेहूं को एक गिलास पानी में भिगोकर कम से कम 3 से 4 घंटे के लिए रखना होगा। इसके बाद इस पानी को इसमें से छानकर, अंकुरित होने के लिए किसी कपड़े में बांधकर तब तक रखें जब तक यह अंकुरित न हो जाए। इसमें 4 से 8 दिन तक लग सकते हैं।

उपयोग की विधि :
- अंकुरित गेंहू के द्धारा हार्ट अटैक से बचने के लिए सबसे पहले गेंहू को 10 मिनट के लिए पानी में उबालें और फिर उन्हें अंकुरित करने के लिए किसी कपडे में बांध कर रख लें। ऐसा करने से गेंहू अच्छी तरह अंकुरित हो जाएंगे।
- जब गेंहू में करीब 1 इंच तक लंबे अंकुर हो जाएं, तो रोज आधी कटोरी सुबह खाली पेट उन्हें खाएं। सिर्फ 3 से 4 दिन तक ही ऐसा करने से आपको अपने शरीर में काफी बदलाव दिखेगा और जीवन में हार्ट अटैक आने के चांस भी बहुत कम हो जाते हैं।
- अब अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि अगर गेंहू को उबालेंगे तो यह अंकुरित कैसे होंगे? तो आपको बता दें कि जब उबले हुए गेंहू को अंकुरण के लिए रखा जाता है, तो उनमें से लगभग 5-10% गेंहू में ही वो सामर्थ्य होता है कि वो अंकुरित हो जाएं और जिन गेंहू में उबलने के बाद ये सामर्थ्य होता है वही हार्ट अटैक के लिए औषधि साबित होते हैं।
- जब गेंहू में करीब 1 इंच तक लंबे अंकुर हो जाएं, तो रोज आधी कटोरी सुबह खाली पेट उन्हें खाएं। सिर्फ 3 से 4 दिन तक ही ऐसा करने से आपको अपने शरीर में काफी बदलाव दिखेगा और जीवन में हार्ट अटैक आने के चांस भी बहुत कम हो जाते हैं।