हेल्लो दोस्तों आज कोरोना और लॉकडाउन की वजह से अस्पतालों में भीड़ हो रही है ऐसे में हम आपको ब्लड प्रेशर से जुडी कुछ टिप्स दे रहे हैं जिनकी मदद से आप घर पर ही स्वस्थ रह सकते हैं उच्च रक्तचाप अनियंत्रित जीवनशैली का एक घातक परिणाम है। इसे हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक चिकित्सकीय स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त दबाव सामान्य से तेज हो जाता है। Home Remedies For High Blood Pressure
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सामान्य स्थित में रक्तचाप 120/80 mmHg से कम रहता है। जब रक्तचाप 120/80 mmHg से 139/89 mmHg के बीच रहता है, तो इसे प्री-हाइपरटेंशन कहते हैं। वहीं, रक्तचाप के 140/90 mmHg से अधिक होने पर उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाती है। यह गंभीर इसलिए है, क्योंकि इसके कारण गुर्दे, धमनियों और हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है
हाई ब्लड प्रेशर स्वयं में खतरनाक है और ये कई अन्य बीमारियों का भी कारण बनता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण सबसे ज्यादा खतरा दिल की बीमारी का होता है। हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और कार्डियक अरेस्ट जैसी कई बीमारियां हाई ब्लड प्रेशर के कारण हो सकती हैं। इसके अलावा ब्रेन स्ट्रोक और किडनी फेल्योर भी हाई ब्लड प्रेशर के कारण हो सकते हैं।

उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के लक्षण –
शुरुआती अवस्था में हाई ब्लड प्रेशर के संकेत बहुत सामान्य दिखते हैं इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। हम आपको बता रहे हैं हाई ब्लड प्रेशर के ऐसे 7 सामान्य संकेत, जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- सिर के पीछे गर्दन में दर्द
- तनाव होना
- सिर चकराना
- थकावट होना
- नाक से खून आना
- नींद ना आना
- हृदय (दिल) की धड़कन बढ़ना
हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारण –
उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है। तो आइए जानते हैं इसके कारण :
- धूम्रपान
- मोटापा
- शारीरिक गतिविधियों में कमी
- भोजन में अधिक नमक
- बढ़ती उम्र
- आनुवंशिकता
- शराब
- तनाव और थायराइड
- गुर्दे से जुड़ा पुराना रोग
- एड्रिनल संबंधी परेशानी (गुर्दे के ऊपर स्थित ग्रंथियां)
- नींद ना आना
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हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपचार –
अब यहां ऐसे सरल घरेलू उपचारों की चर्चा की जायेगी जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना गोली केप्सुल लिये इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है-
1) नमक का उपयोग कम : सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोगी को नमक का प्रयोग बिल्कुल कम कर देना चाहिये। नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। नमक दिन भर में 3 ग्राम से ज्यादा न लें।
2) लहसुन : लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू वस्तु है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है।
3) शहद : एक बडा चम्मच आंवला का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह -शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
4) गर्म पानी : जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गरम पानी में काली मिर्च पावडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही मुकाम पर लाने का बढिया उपचार है।

5) तरबूज : तरबूज का मगज और पोस्त दाना दोनों बराबर मात्रा में लेकर पीसकर मिला लें। एक चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी से लें। 3-4 हफ़्ते तक या जरूरत मुताबिक लेते रहें।
6) निम्बू पानी : बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा निंबू निचोडकर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। हितकारी उपचार है।
7) नंगे पैर घूमना : तुलसी की 10 पत्ती और नीम की 3 पत्ती पानी के साथ खाली पेट 7 दिवस तक लें। नंगे पैर हरी घास पर 15-20 मिनिट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।
8) पपीता : पपीता आधा किलो रोज सुबह खाली पेट खावें। बाद में 2 घंटे तक कुछ न खावें। एक माह तक प्रयोग से बहुत लाभ होगा।
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9) चावल:- (भूरा) उपयोग में लावें। इसमें नमक, कोलेस्ट्रोल और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है। इसमें पाये जाने वाले केल्शियम से नाडी मंडल की भी सुरक्षा हो जाती है।
10) अदरक:- प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैलसियम युक्त मैल पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है।

अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।
11) लालमिर्च:- धमनियों के सख्त होने के कारण या उनमे प्लेक जमा होने की वजह से रक्त वाहिकाएं और नसें संकरी हो जाती हैं जिससे कि रक्त प्रवाह में रुकावटें पैदा होती हैं। लेकिन लाल मिर्च से नसें और रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं, फलस्वरूप रक्त प्रवाह सहज हो जाता है और रक्तचाप नीचे आ जाता है।
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