हेल्लो दोस्तों आज हम आपको माइग्रेन या आधासीस के बारे में बताएंगे इस भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों को सिर में दर्द की शिकायत रहती है। यह परेशानी बार-बार होने पर माइग्रेन का रूप ले लेती है। इस रोग को आधासीस का दर्द भी कहते है जिसमें सिर के आधा हिस्से में दर्द होता है। Home Remedies For Migraine
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सूर्य के बढ़ने के साथ-साथ दर्द बढ़ने के कारण इसे सूर्यावर्त भी कहते हैं। दर्द दोपहर में तीव्रता के साथ और सूर्य ढलने के साथ-साथ कम होता चला जाता है। यह रोग स्त्रियों को अधिक होता है। माइग्रेन का दर्द नार्मल सिर दर्द नहीं होता ये सिर के किसी भी भाग में हो सकता है और जब तेज दर्द होने की साथ उलटी भी आये तो परेशानी और बढ़ जाती है।
माइग्रेन के कारण सिर के एक हिस्से में असहनीय तेज दर्द होने लगता है। कई बार तो यह दर्द मिनटों में ठीक हो जाता है तो कई बार यह दर्द घंटों तक बना रहता है। जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो आपका सिरदर्द और ब्लडप्रैशर हाई हो जाता है। ऐसा होने पर आप समझ जाएं कि आप माइग्रेन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अपनी मर्जी से कोई भी दर्द निवारक लेने के बजाएं डॉक्टरी जांच करवाना जरूरी है। जो भी डॉक्टर सलाह दे उस पर अमल करना भी जरूरी है।

माइग्रेन आधा सिर दर्द के कारण :
- दर्द निवारक दवाइयों का अधिक सेवन
- अचानक मौसम में बदलाव आना भी रोग का एक कारण है।
- ज्यादा टेंशन लेना माइग्रेन होने का बड़ा कारण है।
- दर्द दूर करने की दवाओं का सेवन अधिक करना।
- दिन भर भाग दौड़ करना और पूरी नींद ना मिलना।
- मासिक धर्म में कुछ महिलाओं को माइग्रेन की शिकायत होती है।
- हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित रोगी को आधे सिर में दर्द की समस्या ज्यादा होती है।
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माइग्रेन के लक्षण :
- आँखें दर्द करना और धुंधला दिखना
- आधे या फिर पूरे सिर में तेज दर्द करना
- कमजोरी महसूस होना और भूख कम लगना
- जी मचलना, उलटी आना और किसी भी काम में मन ना लगना
- तेज रोशनी और ज्यादा आवाज में घबराहट होना
- पसीना अधिक आना
- आंखों में दर्द या धुंधला दिखाई देना
- पूरे या आधे सिर में तेज दर्द
- किसी काम में मन न लगना
- आधा सिर दर्द करने के साथ अगर इनमें से कोई और लक्षण भी दिखे तो चिकित्सक से मिले।

माइग्रेन दर्द के घरेलू नुस्खे और योग :
- आधा सीसी के दर्द से जल्दी छुटकारा पाने के लिए सिर के जिस भाग में दर्द हो वहां गुनगुने तेल से मालिश करें और साथ ही गर्दन, कंधे, हाथों और पैरो की भी अच्छे से मालिश करें।
- टेंशन ज्यादा लेना इस रोग का एक बड़ा कारण है, माइग्रेन से बचने के लिए ज्यादा तनाव से भी बचे।
- तेज धूप में ना जाये और तेज खुशबु वाला कोई भी सेंट लगाने से बचे।
- थोड़ा कपूर को गाय के घी में मिला कर सिर की हल्की मालिश करे, आधा शीशी दर्द में ये अचूक उपाय है।
- पानी से माइग्रेन के उपचार में मदद मिलती है, माइग्रेन के रोगी को पानी अधिक पीना चाहिए। इस रोग को ठीक करने में पानी रामबाण काम कर सकता है।
- माइग्रेन का दर्द होने पर रोगी को लेटा कर सिर बेड से नीचे की और झुका दे। अब सिर में जिस तरफ दर्द हो रहा है उस तरफ की नाक में कुछ बूंदें सरसों के तेल की डाले और रोगी को सांस ऊपर खिंचने को कहे। इस घरेलू नुस्खे से कुछ ही देर में सिर का दर्द कम होने लगेगा।
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क्या खाएं :
- सूर्योदय के पूर्व गर्म दूध के साथ शुद्ध घी की जलेबी या रबड़ी खाएं।
- रोज सुबह खाली पेट सेब का सेवन करें, माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए यह काफी असरदार तरीका है।
- नाश्ते में गुलाब-जामुन, मिठाई सेवन करें।
- भोजन के पूर्व सुबह-शाम एक कप की मात्रा में अंगूर का रस पिएं।
- माइग्रेन में दही, चावल और मिश्री मिलाकर सुबह-शाम के भोजन में सेवन करें।
- शहद के साथ तुलसी के पत्तों का रस मिला कर इसका सेवन करे। खाली पेट सुबह इस देसी दवा के सेवन से कुछ ही दिनों में माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है।
- सब्जी में हरी पत्तेदार सब्जी, गाजर, शकरकंद और पालक अपने आहार में शामिल करे।
- नारंगी, पीली और हरी सब्जियां, शकरकंद, गाजर और पालक
- हलका, सुपाच्य, पौष्टिक आहार खाएं।
- नीबू का रस, चीनी और शहद मिलाकर बनी शिकंजी भोजन के बाद पिएं।

क्या न खाएं :
- भारी, गरिष्ठ, मिर्च-मसालेदार चीजें न खाएं।
- तेल या घी में तली, अधिक तीखी, नमकीन, खटाई युक्त चीजें भी न खाएं।
- मांसाहार सेवन न करें।
- शराब, कड़क चाय, कॉफी का अधिक सेवन न करें
- रोग निवारण में सहायक उपाय
- माइग्रेन के मरीज को ज्यादा अखरोट, मूंगफली, बादाम, काजू, किशमिश आदि खाने से बचना चाहिए। सूखे मेवे में सल्फाइट्स नामक तत्व, पाया जाता है, जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ाता है।
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क्या करें :
- सूर्योदय से काफी पहले उठकर पानी पिएं, शौच जाएं और स्नान करें।
- नियमित हलका व्यायाम और शरीर की मालिश करें।
- दौरा पड़ने पर शांत, अंधेरे कमरे में, सिर पर कपड़ा बांध कर आराम करें।
- इच्छानुसार एक कप चाय या कॉफी पिएं।
- सिर की मालिश करें।
- हींग को पानी में घोलकर या शुद्ध घी को बार-बार।
- अपनी हीनभावनाएं, मानसिक तनाव, चिंता को दूर करें।
- घी और कपूर मिलाकर नाक के नथुनों में 2-3 बूंदें टपकाएं।
- निश्चिंत होकर गहरी नींद लें।
क्या न करें :
- अधिक शारीरिक एवं मानसिक परिश्रम और व्यायाम न करें।
- अजीर्ण/कब्ज की शिकायत न होने दें।
- आंखों पर अधिक जोर पड़े, ऐसे कार्य न करें।
- मल, मूत्र, आंसू व के वेगों को न रोकें।
- अधिक स्त्री-प्रसंग में लीन न रहें।
- रात्रि में जागरण न करें।
- दिन में सोने से परहेज करें।

माइग्रेन को जड़ से खत्म करेंगे ये आसन :
माइग्रेन से पीड़ित लोगों की काफी बड़ी संख्या है। लोग इसके लिए अनेक प्रकार के चिकित्सकीय उपचार अपनाते हैं। लेकिन योग के कुछ आसन हैं जिनको नियमित रूप से करने से माइग्रेन की समस्या को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है।
- शषांकासन – शषांकासन करने के लिए सबसे पहले बैठकर दोनों एड़ीं पंजे आपस में मिला लें। इसके बाद हथेलियों को दाईं ओर रखें और पंजों को तान लें। घुटनों को टांगो से मोड़ते हुए वज्रासन की स्थिति में आ जाएं। अब दोनों घुटनों को दोनों ओर फैला दें तथा दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों के मध्य जमीन पर टिका दें।
सांस बाहर करते हुए कमर के निचले हिस्से से धीरे-धीरे झुकते जाएं ऐसा करते हुए हथेलियों को आगे खिसकाते रहें। अपनी ठोड़ी को धरती से लगा लें। फिर उलटी क्रिया करते हुए धीरे-धीरे पूर्वावस्था आ जाएं। - मत्स्यासन – मत्स्यासन के लिए सबसे पहले एड़ी और पंजों को आपस में जोड़कर लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों को मोड़ते हुए पद्मासन लगाएं। अब दोनों हथेलियों को कंधे के नीचे रखें तथा वक्ष को ऊपर उठाएं। इसके बाद हाथों से पांवों के अंगूठे को पकड़ें। फिर हाथों को कंधों के नीचे लाते हुए उसकी सहायता से सर को जमीन पर टिका दें।
अब हाथों को नितम्बों के नीचे ले जाएं और कोहनी का सपोर्ट लेते हुए सर को ऊपर उठाएं। दाईं ओर गर्दन को घुमाएं और ठोड़ी को दाएं कंधों तक लाएं। यही क्रिया बाईं ओर से भी करें। अब गर्दन को क्लॉक वाइज वृत्ताकार घुमाएं। यही क्रिया फिर एंटी क्लॉकवाइज भी घुमाएं। जब गर्दन पीछे जाए तो सांस भरें जब आगे आएं तो निकालें। फिर धीरे-धीरे शवासन में लौट आएं।
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- विपरीत करणी मुद्रा आसन – विपरीत करणी मुद्रा आसनकरने के लिये सबसे पहले लेटकर एड़ी और पंजों को आपस में मिला लें। दोनों हथेलियों को धरती की ओर रखें। पंजों को टाइट कर दोनों पांवों को धीरे से ऊपर उठाना शुरू कर दें। दोनों हथेलियों को नितंबों पर लगाकर उन्हें भी ऊपर की ओर उठाएं। कंधों से जंघा तक 45 डिग्री का कोण बनाएं। पंजों को तान दें और सांस को सामान्य कर लें। फिर धीरे से पूर्वावस्था में लौट आएं और पंजों को धीरे से जमीन पर टिका दें।
- हलासन – इस आसन को करने के लिए सबसे पहले लेटकर दोनों एड़ी पंजों को आपस में मिला लें। अब दोनों टांगों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सांस बाहर निकालते हुए सर की तरफ लेकर आएं। अब पंजों को जमीन से टिका दें। अंत में धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में लौट आएं।
नोट : इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां रिसर्च पर आधारित हैं । इन्हें लेकर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूरी तरह सत्य और सटीक हैं, इन्हें आजमाने और अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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