बवासीर को मेडिकल की भाषा में पाइल्स (piles) कहा जाता हैं. इस रोग में मरीज को अत्यधिक दर्द और तकलीफ होती हैं. बवासीर में गुदा के अंदर और गुदा के आसपास की जगह पर सूजन आ जाती हैं. बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं. आन्तरिक (internal) और बाहरी (external). आपको बता दें बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज जल्दी होना काफी ज्यादा जरूरी होता है। अन्यथा यह खूनी बवासीर का रूप ले लेती है। आपको बताते हैं इसको खत्म करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में। Home Remedies For Piles
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बवासीर के कारण :
- बवासीर होने का मुख्य कारण लम्बे समय से कब्ज होना.
- फ़ूड एलर्जी.
- शारीरिक गतिविधि कम करना.
- गर्भावस्था के दौरान बवासीर होना आम बात हैं.
- अधिक समय तक एक जगह पर बैठ कर काम करना.
- शरीर में पानी की कमी होना और यह वंशानुगत कारणों से भी हो सकता हैं.
बवासीर के लक्षण :
- बवासीर में मल त्याग के दौरान गुदा द्वार से खून आता हैं.
- बवासीर में गुदा द्वार के आस पास सूजन, मस्से और गाठ बन जाती है.
- बवासीर में गुदा द्वार में खुजली होती हैं.
- बवासीर में बार-बार मल त्यागने की इच्छा होती हैं. पर त्यागते समय मल निकलता नहीं हैं.

बवासीर से बचाव :
आज के समय में व्यक्ति एक अनुचित जीवन शैली को अपनाता है. जिसके कारण अनुचित आहार अनुचित समय पर ग्रहण करता हैं. बवासीर के इलाज के लिए सही आहार और सही जीवन शैली बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस प्रकार की बीमारी में दवाइयां और इलाज तभी उपयोगी होते हैं. जब आप उचित आहार और जीवनशैली का पालन करते हैं.
बवासीर का सीधा संबंध हमारे पाचन तंत्र से हैं. पेट में जो भी समस्याए होती है. वह प्रत्यक्ष रूप से बवासीर पर असर डालती हैं. एक सही और उचित आहार इस बीमारी के असर को कम करता हैं.
बवासीर में क्या खाना चाहिए :
बवासीर के इलाज़ के दौरान ऐसा भोजन ग्रहण करे जो आसानी से पच जाये जैसे ओट्स, मक्का, दलिया आदि इस तरह के भोजन बवासीर में मदद करते हैं. इसके अलावा हम पपीता, केले, जामुन, सेब आदि फलो को शामिल कर सकते हैं. जो कि हमारी आतों के लिए बहुत अच्छे होते हैं और शौच को सुगम करने के लिए अत्यधिक द्रव (liquid) पदार्थ का सेवन करना चाहिए.
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बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए :
बवासीर के इलाज़ के दौरान मैदा और इससे बनी चीजो को नहीं खाना चाहिए. जंक फ़ूड, पिज़्ज़ा,बर्गर और बाहर तली-गली उत्पादों के सेवन से भी बचना चाहिए. ये चीजे हमारे पेट में कब्ज की समस्या को और बड़ा सकते हैं.
बवासीर के घरेलु उपचार :
बर्फ के टुकड़े :
बवासीर होने पर बर्फ का उपयोग सुजन वाले स्थान पर करे. यह बहुत ही लाभकारी उपाय है. बर्फ की सिकाई से सूजन कम होती हैं और दर्द को तुरंत राहत प्रदान करता हैं. बर्फ के टुकडो को एक साफ कपडे में बाँध ले और मस्सो वाले स्थान पर 10-15 मिनिट तक रखे. दिन में कई बार इसी प्रकार से कई बार सिकाई करे.

एलोवेरा :
एलोवेरा बवासीर के इलाज़ के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं. यह बाहरी और आन्तरिक दोनों ही प्रकार के बवासीर में उपयोगी हैं. बाहर के बवासीर में एलोवेरा जेल को गुदा में लगाये और धीरे धीरे मालिश करे. ऐसा करने से दर्द और जलन में राहत मिलेगी. आन्तरिक बवासीर में एलोवेरा की पत्तियों को काट ले और इन्हें फ्रिज में ठंडा करके इन कटी हुई पत्तियों को प्रभावित जगह पर लगाये.
नींबू का रस :
नींबू का रस बवासीर के इलाज़ में बहुत ही कारागर हैं. एक रुई के टुकड़े में ताजे नींबू के रस को भिगोकर मस्सो वाले स्थान पर लगाये. इस दौरान आपको थोड़ी जलन महसूस होगी परन्तु बाद में यह आपको दर्द से काफी आराम दिलाएगा. प्रतिदिन नींबू, अदरक और पुदीने के रस को शहद के साथ मिलाकर ले. यह आपकी पाचन तंत्र को सुचारू रखेगा.
जामुन की गुठली :
जामुन की गुठली और आम की गुठली के अंदर का भाग सुखाकर पीसकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में हल्के गर्म पानी या फिर छाछ के साथ इसका सेवन करें। ऐसा करने बवासीर की समस्या में है लाभ मिलता है।
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इसबगोल भूसी :
इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से अनियमित और कड़े मल में राहत मिलती है। इतना ही नहीं इसका सेवन करने से आप अपने पेट को भी साफ रख सकते हैं।
इलायची :
इलायची का सेवन करके भी आ बवासीर को दूर कर सकते हैं। इसका सेवन करने के लिए लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर सेंकते रहे और फिर ठंडा होने के बाद उसको अच्छे से पीस लें। उसके बाद उसका चूर्ण बनाकर रोज नियमित रूप से खाली पेट पी लें। ऐसा करने से बवासीर में आराम मिलता है।
किशमिश पानी :
रात को 100 ग्राम किशमिश पानी में भिगो दें। फिर सुबह के समय उसे पानी मैच से मसल लें और इस पानी का रोजाना नियमित रूप से सेवन करें ऐसा करने से बवासीर में आराम मिलता हैं।

अन्य उपाय :
- आयर्वेद के अनुसार तिल्ली के लड्डू के सेवन से सभी बवासीर में राहत मिलती हैं.
- बादाम के तेल को रुई में भीगोकर बवासीर से प्रभावित स्थान पर लगाने से दर्द और जलन से राहत मिलती हैं.
- जैतून के तेल में लचीलापन बढ़ाने के गुण होते हैं. जो प्रभावित जगह से सूजन को कम करता हैं.
- छाछ में अजवाइन और जीरा मिलाकर नियमित सेवन करने से बवासीर धीरे-धीरे ख़त्म हो जाता हैं.
- करीब 2 लीटर मट्ठा और 50 ग्राम जीरा और थोड़ा सा नमक को अच्छे से मिला लें। और जब भी आपको प्यास लगे तो आप इसका ही सेवन करें 4 दिन तक इसका प्रयोग करने से बवासीर ठीक हो जाएगी।
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