वर्ष 2020 का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगेगा. ग्रहण किसी भी तरह का हो, इसका हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता ही पड़ता है. यहां तक की हर क्षेत्र में भी ग्रहण का व्यापक असर दिखाई देता है. ग्रहण को किसी भी तरह से अनदेखा नहीं किया जा सकता है. चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका अपना एक महत्व है. इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर भी दिखाई देगा. आइए जानते हैं इस ग्रहण के बारे में. List of Grahan in year 2020
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साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को रात 10 बजकर 37 मिनट से 11 जनवरी को देर रात 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. करीब चार घंटे की अवधि वाले इस चंद्र ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा. इसके अतिरिक्त यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा. बीते 2019 में 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था. इस ग्रहण का असर पूरी तरह से जब तक समाप्त होगा तब तक चंद्रग्रहण लग जाएगा. इस दशा में इस ग्रहण के परिणाम दिखाई देंगे यह एक बड़ा सवाल है. गुरु पुर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण लग रहा है. इसलिए भी यह महत्वपूर्ण हो जाता है. इस साल आने वाले साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं। इनमें चार चंद्र ग्रहण हैं और दो सूर्य ग्रहण हैं। दिसंबर में साल 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा।

सूतक लगने से पहले कर लें ये काम :
गुरु पूर्णिमा और चंद्रग्रहण एक साथ होने की वजह से गुरु पूजा भी सूतक लगने से पहले कर लेना ठीक होगा। और सूतक भी ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। इसके मुताबिक भारतीय समय के अनुसार 10 जनवरी की सुबह 10 बजे से ग्रहण का सूतक आरंभ हो जाएगा। सूतक से पहले ही गुरु पूर्णिमा की पूजा के बाद सभी मंदिरों में पूजा पाठ बैंड कर दिए जाएंगे। इस दिन चावल और दूध से बनी चीज़ों का दान शुभ फल देगा.
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बनेगी उथल पुथल की स्थिति :
सूर्य ग्रहण के बाद चंद्र ग्रहण का योग बनना वो भी साल के प्रथम महीने में यह बड़ा संयोग हो सकता है. इस माह हर क्षेत्र में उथल पुथल की स्थिति बन सकती है. ऐसा अधिकतर ज्योतिषियों का मानना भी है. राजनीति के क्षेत्र में भी इस ग्रहण का असर दिखाई देगा.

चंद्र ग्रहण का दिन और समय :
उपच्छाया से पहला स्पर्श : रात 10 बजकर 39 मिनट (10 जनवरी 2020)
परमग्रास चन्द्र ग्रहण : सुबह 12 बजकर 39 मिनट (11 जनवरी 2020)
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श : सुबह 2 बजकर 40 मिनट (11 जनवरी 2020)
सूतक काल का समय : दोपहर 1 बजकर 39 मिनट से (10 जनवरी 2020)
इस चंद्र ग्रहण की अवधि कुल 4 घंटे से ज्यादा की होगी। सबसे खास बात ये है की इस बार यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।
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चंद्र ग्रहण में बरतें ये सावधानियां-
- चंद्र ग्रहण के शुरु होने से पहले खाने की सामग्री में तुलसी के पत्ते डालें। और तुलसी के पेड़ को ग्रहण के दौरान न छुएं।
- इस समया देवी देवताओं की मूर्ति और तस्वीरों को भी नहीं छूना चाहिए।
- ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान कोई भी नया काम शुरु न करें।
- ग्रहण के दौरान दांतों को नही मांजना चाहिए और ना ही वस्त्रों को निचोड़ना चाहिए।

चंद्रग्रहण कैसे होता है?
विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो चंद्रमा पृथ्वी की छाया में छिप जाता है, जिसके कारण चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है. इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है.
पौराणिक कहानी :
हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण लगने के पीछे राहु केतु होते हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों के बीच अमृत पाने को लेकर युद्ध चल रहा था। अमृत को देवताओं को पिलाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी नाम की सुंदर कन्या का रूप धारण किया और सभी में अमृत बराबर बराबर बांटने के लिए राजी कर लिया। जब मोहिनी का रूप लिए भगवान विष्णु अमृत को लेकर देवताओं के पास पहुंचे और उन्हें पिलाने लगे तो राहु नामक असुर भी देवताओं के बीच जाकर बैठ गया। जिससे अमृत उसे भी मिल जाए।
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जैसे ही वो अमृत पीकर हटा, भगवान सूर्य और चंद्रमा को इस बात की भनक हो गई कि वह असुर है और ये बात उन्होंने भगवान विष्णु को बता दी। विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी। क्योंकि वो अमृत पी चुका था इसीलिए वह मरा नहीं। उसका सिर और धड़ राहु और केतु नाम से जाना गया। ऐसी मान्यता है कि इसी घटना के कारण राहु केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगाते हैं।
कब कब लगेगा ग्रहण :
दूसरा ग्रहण : 5 जून, 2020 (चंद्र ग्रहण)
चंद्र ग्रहण का समय: रात को 11:15 से 6 जून को 2:34 तक
कहां कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण: भारत, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया

तीसरा ग्रहण : 21 जून, 2020 (सूर्य ग्रहण)
चंद्र ग्रहण का समय: सुबह को 09:15 से 15:03 तक
कहां कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण: भारत
चौथा ग्रहण : 5 जुलाई 2020 (चंद्र ग्रहण)
ग्रहण का समय: सुबह 08:37 से 11:22 तक
कहां कहां दिखेगा ग्रहण: दक्षिण पूर्व यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका
पांचवा ग्रहण : 30 नवंबर, 2020 (चंद्र ग्रहण)
ग्रहण का समय: दोपहर को 1:02 से शुरू होगा और शाम 5:23 तक
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण: भारत, प्रशांत महासागर, एशिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया
छटवा ग्रहण : 14 दिसंबर 2020 (सूर्य ग्रहण)
शाम को 7 बजकर 03 मिनट से 15 दिसंबर को 12 बजे तक
