हिंदू धर्म में विवाह होने के पश्चात महिलाएँ अपनी मांग में प्रतिदिन सिंदूर भरती हैं सिंदूर भरी मांग महिला के सुहागिन होने का प्रतीक है।

साथ ही सिंदूर महिलाओं के 16 शृंगारों में से एक है, जिसे मांग में भरने से उनके सौंदर्य की वृद्धि होती है किंतु इन सबके साथ-साथ सिंदूर लगाने के अनेक वैज्ञानिक लाभ भी हैं, जो भारतीय महिलाएँ अनायास ही प्राप्त कर लेती हैं। मानव शरीर में सिर की मांग के स्थान पर ब्रह्मरंध्र नामक मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि होती है, जो अत्यंत संवेदनशील होती है तथा कपाल के अंत से लेकर सिर के मध्य तक फैली होती है।
१. सिंदूर में तरल रूप में उपस्थित पारा नाम की धातु इस ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का कार्य करती है। यह धातु महिलाओं को गृहस्थी की चिंताओं, अनिद्रा जैसे रोगों से दूर रखती है और उनके मस्तिष्क को सदैव चेतन अवस्था में रखती है।
२. सिंदूर में उपस्थित इस पारा नामक धातु के कारण महिलाओं के मुख पर शीघ्र झुर्रियां नहीं पड़तीं और उनका यौवन दीर्घकाल तक बना रहता है।
३. पारा नामक यह धातु स्त्री शरीर में स्थित विद्युतीय उत्तेजना को भी नियंत्रित करती है।