आजकल देश में कोरोना वायरस तेजी से फ़ैल रहा है इस वायरस ने पुरे देश को डरा दिया है, पर इस वायरस से बचने का उपाय सिर्फ बचाव है. Symptoms of Corona Virus
इसलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं की कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतें और इसके लक्षण क्या होते हैं.
कोरोना वायरस सबसे पहले चीन के वुहान शहर में फैला था. इसके बाद इस वायरस के मरीज थाईलैंड, सिंगापुर, जापान में भी मिले. कुछ दिनों पहले इंग्लेण्ड में भी एक फैमिली में इस वायरस के लक्षण दिखाई दिए.
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हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार इस वायरस से पालतू जानवर भी संक्रमित हो सकते हैं. 2011 में किये गए अध्ययन के अनुसार, बिल्लियों में संक्रामक पेरिटोनिटिस हो सकता है. एक पैंट्रोपिक कैनाइन कोरोना वायरस बिल्लियों और कुत्तों में इन्फेक्शन फैला सकता है.
कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन में इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 490 तक पहुंच गया है जबकि 4000 नए मामले दर्ज किए गए हैं.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, मरने वालों में 80 फीसदी लोग 60 साल की उम्र के हैं और 75 फीसदी लोग ऐसे हैं जो पहले ही किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं.

इसके अलावा कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए हैं.
कोरोना वायरस कितना खतरनाक है?
कोरोना वायरस के लक्षण पूरी तरह से स्वाइन फ्लू की तरह है. इसका इन्फेक्शन होने पर सांस की तकलीफ के साथ बहती नाक, बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, सिर में तेज दर्द, सूखी खांसी, कफ, गले में दर्द के साथ बुखार आना, निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस और गले में खराश जैसी समस्याएं कोराना वायरस के शुरुआती लक्षण हैं. कुछ लोगों में ये लक्षण और गंभीर हो सकते हैं जैसे निमोनिया या सांस लेने में दिक्कत महसूस करना.
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किन लोगों में जल्दी फैलता है कोरोना वायरस?
कोराना वायरस का संक्रमण जहां फैला हैं वहां आने-जाने वालों लोग जल्दी इसकी चपेट में आ जाते हैं. चीन के अलावा दूसरे देश के वो लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं जो किसी काम के सिलसिले में यहां आए थे.
कोराना वायरस से संक्रमित व्यक्ति अगर यात्रा कर रहा है तो उस दौरान भी ये वायरस और लोगों में फैल जाता है. मरीज में कोरोना वायरस के ही लक्षण हैं या नहीं, ये पता करने के दौरान डॉक्टर्स भी इसका शिकार हो जा रहे हैं.

बचाव के तरीके –
कोराना वायरस से बचने के लिए हाइजीन बनाए रखना बहुत जरूरी है. अपने आस-पास साफ सफाई का पूरा ख्याल रखें.
- कोरोना वायरस से बचने के लिए हमेशा अपने हाथो को साबुन-पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें.
- हमेशा खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह पर रुमाल या टिश्यू रखे और फिर उसे कवर्ड डस्टबिन में फेंक दें.
- जिन लोगों में सर्दी या फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हो वो अपने करीबी संपर्क बनाने से बचें.
- मीट या अंडों का सेवन करने से पहले इन्हे अच्छे से पकाएं.
- जंगली और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ संपर्क में ना रहे.
- कोरोना वायरस से बचने के लिए ज़्यादा भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाएं. विशेष रूप से चीन से सफर कर लौटे व्यक्ति से दुरी बनाये रखे.
- किसी भी सब्जी या फल का सेवन करने से पहले उसे अच्छे से धोएं.
- ये वायरस संक्रमण प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है. इसलिए मास्क का उपयोग करें और भीड़ भाड़ वाले स्थानों या समूह से दूरी बनाए रखें.
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कारोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज :
आयुष मंत्रालय के अनुसार आयुर्वेद में कारोना वायरस का इलाज है। आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार, रोकथाम प्रबंधन के लिए ये तीन उपाय सुझाए गए हैं –
पहली पद्धति- इम्यूनोमॉड्यूलेटरी ड्रग्स
- स्वस्थ आहार और जीवन शैली के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाएंगे।
- अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ।
- शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार।
- त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है और इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहे तब घूंट में लेते रहें।
- प्रतिमार्स नास्य : प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल के तेल की दो बूंदें डालें।

दूसरी पद्धति- होम्योपेथी :
भारत सरकार के अनुसार आयुर्वेद के अलावा होम्योपेथी में भी कोरोना वायरस से लड़ने की दवा है। बता दें कि आयुष मंत्रालय की पहल से, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) ने 28 जनवरी, 2020 को अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में कोरोमा वायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और उपायों पर चर्चा की।
विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है, जिसे आईएलआई की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है।
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- इसने आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की है, जो प्रतिदिन खाली पेट में तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है। खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके।
- इसके अलावा विशेषज्ञ समूह ने सलाह दी है कि रोग की रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए स्वास्थ्यकर उपायों का जनता द्वारा पालन किया जाना चाहिए।

तीसरी पद्धति – यूनानी दवाएं :
- कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण प्रबंधन में उपयोगी यूनानी दवाएं
- शरबतउन्नाब 10-20 मिली दिन में दो बार
- तिर्यकअर्बा 3-5 ग्राम दिन में दो बार
- तिर्यक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार
- खमीरा मार्वारिद 3-5 ग्राम दिन में एक बार
- स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना / रोगन मॉम / कफूरी बाम से मालिश करें
- नथुने में रोगन बनाफशा धीरे लगाएं
- अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
- बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
- 10 मिली शरबत नाजला 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं।
- क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
- शरबत खाकसी के साथ-साथ निम्नलिखित एकल यूनानी दवाओं के अर्क का सेवन करना बहुत उपयोगी है