दोस्तों आज हम आपको तिरुपती बालाजी मंदिर के बारे में बताते हैं कि वहां अर्पण किए हुए बालों का आखिर क्या होता है. तिरुपती बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे धनवान मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में भगवान बालाजी को अपने सर का मुंडन करवा के बाल अर्पण करने की प्रथा है. अनेको लोग भक्ति-भाव से यहां अपने बाल अर्पण करने आते हैं. अर्पण किए हुए बालों का ढेर मंदिर में पडा रहता है. मंदिर प्रशासन, इन सब बालों का क्या करता है, यह प्रश्न बहुत से लोगों के दिमाग में घूमता रहता है. What Happnes With Donated Hair At Tirupati Temple
अर्पण किए हुए बालों की होती है नीलामी …!
पिछले दो महिनों में भक्तों के अर्पण किए हुए बालों की हाल ही में निलामी हो गई. जरा अंदाजा लगाएं, निलामी में इन बालों की कितनी कीमत मिलती होगी? पूरे 1.82 करोड रुपये…!
खाली बाल बेच कर इतनी राशि कमानेवाला तिरुपती बालाजी मंदिर यह धरती पर एकमात्र ऐसा स्थान होगा ऐसा कहा जाए तो यह अतिशोक्ति नही होगी. यह निलामी जुलाई और अगस्त में भक्तों के अर्पण किए हुए बालों की है. इससे पिछली जुलाई में किए गए निलामी में इस मंदिर कों 11.88 करोड रुपये प्राप्त हुए थे.

बनाए जाते हैं कृत्रिम बाल :
मंदिरों में चढ़ाए हुए बाल, सैलून में कटवाएं बाल, सभी तरह के बालों का विदेशों मे बिजनेस किया जाता है और सबसे ज़्यादा बाल भारत के मंदिरों से लिए जाते हैं। बालों के बिज़नेस को ब्लैक गोल्ड भी कहा जाता है। दरअसल बालों के बिजनेस से सबसे ज़्यादा पैसा कमाया जाता हैं, इसीलिए इसे ब्लैक गोल्डन के नाम से पुकारा जाता है। जिन पुरुष, महिलाओं और बच्चों के बालों को हम कचरे का ढ़ेर समझ कर फेंक देते हैं, उन्हीं बालों से कारोबारी लाखों-करोड़ों रुपए बनाते हैं।विदेश में छुटे बालों को काफी मात्रा में मांग है. विग्स बनाने के लिए और सेलिब्रिटी लोगो की हेअर एक्स्टेंशन के लिए इन बालों का उपयोग होता है.
तिरुमाला तिरुपती देवस्थान के चेयरमैन चांदालवाडा कृष्णमूर्तीजी कहा : इन पैसों का उपयोग करके, 39.32 लाख लीटर दूध खरीदने का निर्णय हमने इस वर्ष में लिया है. इतने दूध की कीमत 11.28 करोड रुपये है. मंदिर में दर्शन के लिए आनेवाले भक्तों के साथ साथ छोटे बच्चों को भी यह दूध दिया जाएगा. और इसके साथ 2.25 लाख किलो गाय का घी भी खरीदा जाएगा और एक किलो घी की कीमत 376 रुपये होती है. उस हिसाब से तकरीबन 8.46 करोड रुपये घी की खरीदारी होगी और आनेवाले 6 महिनों में प्रसाद बनाते वक्त इस घी का उपयोग किया जाएगा. 2000 साल पुराने इस मंदिर में, हर साल करीब करीब 1 करोड भक्त अपने बाल अर्पण करते हैं यह गौर करने वाली बात है!
मन्दिर है सबसे बड़ा सोर्स :
बालों की आवक का सबसे बड़ा केंद्र मंदिर हैं। भारत के दक्षिण में सबसे ज़्यादा बालों को मंदिरों मे चढ़ाया जाता है। जहां औरतें मन्नत पूरी होने पर अपने बाल भगवान को अर्पण कर देती हैं, उन्ही बालों को विदेशों मे बेचा जाता हैं। दक्षिण भारत के तिरुपति व तिरुमाला जैसे मंदिरों से 2014-15 में लगभग 100 करोड के बाल बेचे गए। बाल पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट होते हैं लेकिन अकेले ब्रिटेन में हर साल करीब साढ़े चार करोड़ टन बालों का आयात किया जाता है ताकि उसके गंजे नागरिकों के सिर पर बाल नजर आ सकें।

ऐसे किया जाता है बालो का बिज़नेस:
बालों के बाजार में उम्र का भी खासा महत्व है। जैसे कि उदाहरण के तौर पर अगर कोई 24 साल का है तो उसके बाल सबसे बेहतर क्वालिटी के माने जाएंगे क्योंकि इनमें केरेटिन सबसे स्वस्थ्य होता है। बालों को लेकर इतनी मांग है कि इन्हें घर-घर जाकर ढूंढा जता है। मसलन एक महिला के दिनभर में औसत 50-100 बाल गिर जाते हैं और व्यापारी इन्हें भी जाया नहीं होने देते। एशिया, पूर्वी यूरो और दक्षिण अमेरिका में पेडलर्स घर-घर जाकर इन गिरे हुए बालों को कलेक्ट करते हैं। केवल एशिया में ही इस तरह के करीब 5 लाख लोग सक्रिय हैं। मध्यप्रदेश के बालों की क्वालिटी भी उतनी बेहतर नहीं है। ये रुखे और कमजोर होते हैं। बाजार में गुजरात के बालों की मांग सबसे अधिक है। वहां के बाल मजबूत और चमकदार होते हैं। तिरुपति मंदिर से ही महिलाओं के सबसे अधिक बाल आते हैं।