बहुत बार ऐसी स्थिति आती है जब चेक बाउंस हो जाता है. आपके साथ भी ऐसा कभी न कभी ज़रूर हुआ होगा. चेक बाउंस होने पर कभी-कभी देनदार पैसा देने में आनाकानी करने लगते हैं. इस कंडीशन में इंसान समझ नहीं पाता कि उसे क्या करना चाहिए. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि यदि आपके साथ कोई ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है तो आपको क्या करना चाहिए. what to do if a check gets bounce
सबसे पहले यह बात याद रखें कि किसी भी चेक की वैधता तीन महीने तक की होती है. इसलिए यदि आप चेक तीन महीने के बाद जमा करवा रहे हैं तो वह अपने आप बाउंस हो जाएगा. बल्कि उस चेक को इनवैलिड करार दे दिया जाएगा. इसलिए उससे पहले चेक जमा करवाएं. दूसरी जो सबसे बड़ी वजह चेक बाउंस की होती है वह है चेक जारी करने वाले के अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होना. यदि कोई व्यक्ति आपको चेक देता है और उसके अकाउंट में पैसे नहीं होते तो चेक जमा करने पर वह चेक अपने आप बाउंस हो जाता है.
चेक बाउंस होने पर आपको बैंक द्वारा एक रसीद दी जाती है जिसमें यह लिखा होता है कि आपका चेक किस वजह से बाउंस हुआ है. ज़्यादातर चेक अकाउंट होल्डर के अकाउंट में पर्याप्त पैसे न होने की वजह से बाउंस होते हैं. यदि ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो एक लीगल नोटिस देनदार के पास भेजा जाता है. यह नोटिस 30 दिन के भीतर भेजा जाता है. नोटिस भेजने के लिए आप किसी वकील की भी मदद ले सकते हैं.
नोटिस भेजने के बाद यदि आपको अपने पैसे मिल जाए तो ठीक वर्ना आप 15 दिन के बाद उस व्यक्ति के खिलाफ जिले की कोर्ट में वकील की मदद से केस भी दायर कर सकते हैं. इस स्थिती में कोर्ट आरोपी को दो साल की सजा दे सकती है या फिर बाउंस हुए चेक का दोगुना राशि देने का आदेश दे सकती है.
-ध्यान रखें, यदि किसी कारणवश आपका चेक बाउंस हो जाता है तो इस स्थिति में आपके कोई पैसे नहीं कटेंगे.
-यदि देनदार दूसरा चेक देने में आनाकानी कर रहा है तो आप 30 दिन के अंदर उसे नोटिस भेज सकते हैं.
-यदि नोटिस भेजने के बाद भी आपको पैसा नहीं मिलता है तो आप 15 दिन के बाद कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं.
-कोर्ट में यह मामला ज्यादा से ज्यादा 2 साल के भीतर ही रफा-दफा कर दिया जाएगा. इससे ज्यादा समय नहीं लगेगा.
-कोर्ट देनदार को असल राशि से दोगुना अमाउंट देने का फैसला आपके हक़ में कर सकती है. तो किसी भी सूरत में आपका पैसा बर्बाद नहीं जाएगा.