मेडिकल साइंस के लिए पहेली बने रहे प्रह्लाद जॉनी उर्फ चुंदरी वाले माताजी का मंगलवार को निधन हो गया. गुजरात के अहमदाबाद के अंबाजी इलाके में रहने वाले 90 साल के जॉनी पिछले कुछ दिनों से कफ की शिकायत से पीड़ित थे. उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. उन्होंने मंगलवार की सुबह गांधीनगर के चरवड़ा गांव में अंतिम सांस ली. Wonder Man Prahlad Jani Passed Away
ये भी पढ़िए : आखिर क्यों लाखो टन पानी से भी नही भरता शीतला माता का घड़ा
जॉनी का पार्थिव शरीर गांधीनगर से अहमदाबाद के अंबाजी स्थित उनके आश्रम लाकर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है. दो दिन बाद जॉनी के पार्थिव शरीर को समाधि दी जाएगी. गौरतलब है कि चुंदरी वाले माताजी के नाम से प्रसिद्ध जॉनी जीवन भर मेडिकल साइंस के लिए पहेली बने रहे. श्रद्धालुओं का दावा है कि 90 साल के जॉनी ने 75 साल से न तो कुछ खाया है, और ना ही जल ग्रहण किया. वे बगैर भोजन-पानी के जिंदा रहे.

प्रहलाद जानी का जन्म 13 अगस्त 1929 को गुजरात के मेहसाना जिले के चारदा गाँव में हुआ था|उन्होंने 7 साल की उम्र में ही अपना घर छोडकर जंगल में रहने को चले गये|जब वो 11 साल के हुए तो हिन्दू देवी माता अम्बा के परम भक्त हो गये और आध्यात्म में चले गये|तब से उन्होंने अम्बा माँ की तरह साड़ी पहनना , आभूषण पहनना और गजरा पहनना चालु कर दिया|जानी के इस रूप को देख लोग उन्हें “माताजी” कहकर पुकारने लगे|1940 में उन्होंने अन्न जल त्याग दिया और आज तक बिना अन्न जल लिए जीवित है|जानी का मानना है कि माता उन्हें पेय पदार्थ और पानी सीधे मुख में अदृश्य रूप से पहुचाती है और इसी कारण बिना खाए पिए वो जीवित है |
डॉक्टर्स की टीम ने किया था शोध :
इन दावों के बाद अहमदाबाद के स्टर्लिंग अस्पताल के चिकित्सकों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से यह जानने के लिए शोध भी किया था कि कोई व्यक्ति इतने साल से बगैर कुछ खाए-पिए और बिना मल-मूत्र का त्याग किए कैसे जिंदा रह सकता है? लेकिन चिकित्सकों के हाथ कुछ भी नहीं लगा था. जॉनी को 15 दिन तक 24 घंटे कैमरे की निगरानी में रखा गया था.
वैज्ञानिको को परीक्षण का नतीजा आया कि उनके Bladder में केवल थोडा लिक्विड था | जानी दस दिनों के बाद भी एकदम स्वस्थ्य थे और उनका थोडा सा वजन घटा और उन्होंने मूत्र त्याग नहीं किया | प्रहलाद जानी का मानना है कि वो अपने आध्यात्म से मूत्र को रक्त में बदल देते है | इन नतीजो के बाद वैज्ञानिको को भी ये देखकर अचम्भा हुआ कि ऐसा कैसे नुम्किन है | विज्ञान भी इस रहस्य के आगे हार गया |2006 में प्रहलाद जानी पर डिस्कवरी चैनल द्वारा एक Documentary भी बनाई गयी और कई देश विदेश के टीवी शो में इनके इस रहस्य को बताया गया |
हालांकि, इस दौरान यह दावा सही पाया गया था. 15 दिन में एक बार भी जॉनी कुछ खाते-पीते नजर नहीं आए थे. यह मानव शरीर के सिस्टम के लिहाज से किसी से चमत्कार से कम नहीं था. चिकित्सकों को उम्मीद थी कि ऐसा क्यों और कैसे हो रहा है, यदि इसकी जानकारी मिल जाए तो यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ही दुर्गम स्थलों पर देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे सैनिकों के लिए बड़े काम की हो सकती है. लेकिन रिसर्च के बावजूद चिकित्सक इसका पता नहीं लगा पाए.
ये भी पढ़िए : फिल्म रेडी के ‘छोटे अमर चौधरी’ ने छोटी उम्र में किया दुनिया को अलविदा